स्वास्थ्य क्या है, प्रकार और स्वास्थ्य अच्छा रखने का सही तरीका

स्वास्थ्य क्या है

सत्त्वमात्मा शरीरं च भयमेतत्भिदण्डवत।”
लोकस्तिष्ठित संयोगात्तत्र सर्वं प्रतिष्ठितम्।।”
-चरक सू. अ. 7/46

चरक कहते हैं,
‘‘मन, आत्मा और शरीर ऐसे तीन स्तंभ हैं जिन पर न केवल मानव जाति का बल्कि विश्व का अस्तित्व टिका हुआ है।’’

सुखी जीवन का सीधा कनेक्शन स्वस्थ शरीर है। स्वस्थ होने पर हम शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक रूप से अपनी क्षमताओं का अधिकाधिक उपयोग कर सकते है और स्वस्थ रहकर हम सुखी जीवन व्यतीत कर सकते है।

स्वास्थ्य शब्द बड़ा ही महत्वपूर्ण है जो व्यक्ति स्वयं मे स्थित हो गया और जिसने अपने शरीर मे होनेवाली सारी गतिविधियो को बारीकी से जाना हो ।

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स्वास्थ्य के प्रकार

स्वास्थ्य के प्रकार मुख्य रूप से तीन प्रकार है

  • शारीरिक स्वास्थ्य (Physical health)
  • मानसिक स्वास्थ्य (Mental health)
  • आत्मिक स्वास्थ्य (Spiritual health)

शारीरिक स्वास्थ्य (Physical health)

शरीर से जुड़ा है वह शारीरिक स्वास्थ्य है जो अपने शरीर के प्रति सभान है याने जो भी इस शरीर की आवश्यकता है वह सम्यक हो कर पूरी करे, जैसे कि शरीर को जितना भोजन और नींद की आवश्यकता उतनी सम्यक हो कर उसे पूरी करे उसी को शारीरिक स्वास्थ्य (Physical health) कहते है।

आयुर्वेद में शरीर के तीन गुण (दोष) या तत्व बताये है

  • १ वात
  • २ पित्त
  • ३ कफ

शीतोष्णे चैव वायुश्च त्रयः शारीरजाः गुणाः ।
तेषां गुणानां साम्यं यत्तदाहुः स्वास्थ्यलक्षणम् ॥

वात,पित्त और कफ शरीर के तीन गुण या तत्व हैं। इन तीनों के बीच संतुलन को ही अच्छे स्वास्थ्य का संकेत माना जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य (Mental health)

मन से जुड़ा है वह मानसिक स्वास्थ्य है, सुख, दुःख, भय, क्रोध, प्रेम, ईर्ष्या, घृणा के आवेग का सम्यक हो कर जो प्रतिक्रिया करते है उसे मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) कहते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य मस्तिष्क तथा विचारो से जुड़ा है, मानसिक स्वास्थ्य को इम्प्रूव करने का सबसे अच्छा तरीका पॉज़िटिव थिंकिंग है।

आत्मिक स्वास्थ्य (Spiritual health)

आत्मा से जुड़ा है वह आत्मिक स्वास्थ्य है, जब भी हम कोई काम कर रहे है अच्छा हो या बुरा तब अंदर से आवाज आती है की वह काम करे या न करे। अगर काम गलत हो तो कोई अंदर से वह काम करने से रोक रहा होता है और अगर हम उसका कहा मान ले तो बाद में हमें पछताना नहीं पड़ता। उसी को आत्मिक स्वास्थ्य (Spiritual health) कहते है।

किसी की ख़ुशी में खुश और दुःख में दुखी हो तो ये अच्छे आत्मिक स्वास्थ्य (Spiritual health) की निशानी है।

  •  १.  सत्व
  • २. रजस
  • ३  तमस

सत्व, रजस, तमस मानव के तीन गुण हैं। इन तीन गुणों की सम्यावस्था को आत्मिक स्वास्थ्य (Spiritual health) कहते हैं।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सही करने की चाबी आत्मिक स्वास्थ्य में है ।आत्मिक स्वास्थ्य व्यक्ति को मानसिक स्तर पर मज़बूत बनाता है। आत्मिक स्वास्थ्य व्यक्ति को ना केवल भौतिकवाद के मोह से बचाता है बल्कि, जीवन में सही कार्यों पर फोकस करने और निर्णय लेने में भी मदद करता है।

स्वास्थ्य अच्छा रखने का सही तरीका

सबसे पहला और सबसे असरदार तरीका है गहरी साँस। क्योकि जब भी गहरी साँस लेते है तो हम शरीर के अंदर ताजगी महसूस करके पहले से और स्वस्थ होते है,गहरी साँस लेने के और भी बहुत फायदे है.

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक श्रम बहुत ही आवश्यक है, शरीर को चलाने के लिए भोजन जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक भोजन को पचाना भी है.

आहार और विहार,

आहार करने से शरीर को पोषण मिलता है उसी तरह विहार करने से मन को पोषण मिलता है.

अपना पूरा ध्यान जो शरीर में हो रहा है उस पर रखे, जो भी इस शरीर के स्तर पर, मन के स्तर पर और आत्मा के स्तर पर हो रहा है उसे बारीकी से निरीक्षण करे।

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