वात दोष के बढ़ने से दांतों की नसें संवेदनशील हो जाती हैं, जबकि पित्त दोष के असंतुलन से मसूड़ों में सूजन और जलन होती है।
सरसों का तेल और सेंधा नमक मिलाकर मसूड़ों की मालिश करना एक प्राचीन घरेलू नुस्खा है। यह न केवल मसूड़ों की सूजन को कम करता है, बल्कि दांतों को मजबूत भी बनाता है।
सरसों क तेल
Mustard Oil
लौंग का तेल
(Clove Oil)
लौंग का तेल आयुर्वेद में दांत दर्द के इलाज के लिए सबसे लोकप्रिय और पुराना उपाय है। लौंग में मौजूद युजेनॉल (Eugenol)एंटीसेप्टिक और दर्दनिवारक के रूप में काम करता है।
तिल के तेल में एंटीबैक्टीरियल और दर्दनिवारक गुण होते हैं। थोड़ा सा हल्दी पाउडर और नमक मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और इसे प्रभावित दांत पर लगाएं।
तिल का तेल
Sesame Oil
दांत दर्द का घरेलू आयुर्वेदिक इलाज: तुरंत राहत के अचूक नुस्खे ।
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